ज़्यादा से ज़्यादा जुड़ कर सब इस्लामी भाई अपनी कैम की रहनुमाई करें और दिनी बातें एक दूसरे तक पहुचाएं।आपस में मुहब्बत रखना ही इस्लामी पह्चान है।
Thursday 10 March 2016
Kisi ko bura bhala na kaho
!!....बुदर्बारी.....!!
एक दिन हजरत इमाम जैनुल आबिदीन (रजी अल्लाहु अन्हु) घर से कही तशरिफ ले जा रहे थे की रास्ते मे किसी गुस्ताख ने आपको बुरा भला कहना शुरु कर दिया। हजरत इमाम ने उससे फरमाया की भाई जो कुछ तुमने मुझसे कहा अगर मै वाकइ ऐसा हुं तो खुदा मुझे माफ फरमाये।
यह सुनकर वह शख्स बड़ा शर्मीन्दा हुआ और बढ़कर आपकी पेशानी चुमकर कहने लगा हुजुर! जो कुछ मैनें कहा आप हरगीज ऐसे नही। मै ही झुठा हुं। आप मेरी मग्फिरत की दुआ फरमायें। आपने फरमाया अच्छा जाओ खुदा तुम्हे माफ फरमाये।
(रौजुर्रियहीन, सफा-56)
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✍मुहम्मद अरमान गौस....
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♥सबक : अल्लाह वालो की यह सिरत है की बुराई का बदला कुछ ऐसे तरिके से देते है की खताकार शर्मिन्दा होकर अपनी खता से किनारा कर लेते है और नेकी एख्तियार कर लेते हैं।
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