Thursday 10 March 2016

खैबर फतह

अबू मंज़ूर बयान करते हैं कि जब हुज़ूर नबी-ए-अकरम सल अल्लाहू अलैहि वआलेही वसल्लम ने ख़ैबर को फ़तह किया तो आप सल अल्लाहू अलैहि वआलेही वसल्लम ने माल-ए-ग़नीमत में एक स्याह गधा पाया और वो प-ब-ज़ंजीर था। हुज़ूर नबी-ए-अकरम सल अल्लाहू अलैहि वआलेही वसल्लम ने उससे कलाम फ़रमाया तो उसने भी आप सल अल्लाहू अलैहि वआलेही वसल्लम से कलाम किया... हुज़ूर नबी-ए-अकरम सल अल्लाहू अलैहि वआलेही वसल्लम ने उसे फ़रमाया: तुम्हारा नाम क्या है? उसने अर्ज़ किया: मेरा नाम यज़ीद बिन शहाब है, अल्लाह तआला ने मेरे दादा की नस्ल से साठ गधे पैदा किए, उनमें से हर एक पर सिवाए नबी के कोई सवार नहीं हुवा मैं तवक़्क़ो करता था कि आप मुझ पर सवार हों, क्योंकि मेरे दादा की नस्ल में सिवाए मेरे कोई बाक़ी नहीं रहा और अम्बिया-ए-किराम में सिवाए आपके कोई बाक़ी नहीं रहा... मैं आपसे पहले एक यहूदी के पास था, मैं उसे जान-बूझ कर गिरा देता था... वो मुझे भूका रखता और मुझे मारता पीटता था...। रावी बयान करते हैं कि हुज़ूर नबी-ए-अकरम सल अल्लाहू अलैहि वआलेही वसल्लम ने उससे फ़रमाया: आज से तेरा नाम याफ़ूर है...। ऐ याफ़ूर! उसने लब्बैक कहा रावी बयान करते हैं कि हुज़ूर नबी-ए-अकरम सल अल्लाहू अलैहि वआलेही वसल्लम उस पर सवारी फ़रमाया करते थे, और जब उससे नीचे तशरीफ़ लाते तो उसे किसी शख़्स की तरफ़ भेज देते... वो दरवाज़े पर आता उसे अपने सर से खटखटाता और जब घरवाला बाहर आता तो वो उसे इशारा करता कि वो हुज़ूर नबी-ए-अकरम सल अल्लाहू अलैहि वआलेही वसल्लम की बात सुने... पस जब हुज़ूर नबी-ए-अकरम सल अल्लाहू अलैहि वआलेही वसल्लम इस दुनिया से ज़ाहिरी पर्दा फ़र्मा गए तो वो अबू हैसम बिन तैहान के कुँवें पर आया और हुज़ूर नबी-ए-अकरम सल अल्लाहू अलैहि वआलेही वसल्लम के फ़िराक़ के ग़म में उसमें कूद पड़ा, वो कुँआं उसकी क़ब्र बन गया...।

1: (इमाम इब्ने असाकिर, फ़ी तारीख़ मदीना-ओ-दमिश्क़, 4 /232)
2: (इमाम इब्ने कसीर, फ़ी अल बिदाया-वन-निहाया, 6 / 151)

No comments:

Post a Comment